स्व० पं. नैमिष कुमार पाण्डेय
पं. मधुसूदन पाण्डेय
पं. हेमन्त कुमार पाण्डेय
पं. सुधांषु शेखर पाण्डेय
पं. गोपाला कुमार पाण्डेय
पं. कृपाला पाण्डेय
स्व० पं. गंगाधर चन्द्रशेखर पाण्डेय

स्व० पं. नैमिष कुमार
तीर्थ पुरोहित स्व० प० गंगाधर चन्द्रशेखर पुत्र स्व० नैमिष कुमार वर्तमान पुत्र प० मधुसूदन पाण्डेय, प० हेमन्त कुमार पाण्डेय, पं. सुधांषु शेखर सुपौत्र प० गोपाला कुमार पाण्डेय, प० कृपाला पाण्डेय
(ତୀର୍ଥ ପୁରୋହିତ ସ୍ବ.ପୁ. ଗଙ୍ଗାଧର ଚନ୍ଦ୍ରଶେଖର ପୁତ୍ର ସ୍ବ.ନୈମିଷ କୁମାର ବର୍ତ୍ତମାନ ପୁତ୍ର ପୁରାଣ ପାଣ୍ଡେୟ, ପୁ.ହେମନ୍ତ କୁମାର ପାଣ୍ଡେୟ, ପଂ.ସୁଧାଂଶୁ ଶେଖର ସୁପୌତ୍ର ପୁ.ଗୋପାଳ କୁମାର ପାଣ୍ଡେୟ, ପୁ.କୃପାଳା ପାଣ୍ଡେୟ। )
हमारे यहाँ पिण्डदान, दशाकर्म, अस्थि पूजा एवं श्राद्ध से जुडी सभी पूजाा करवायी जाती है।
(ଆମଠାରେ ପିଣ୍ଡଦାନ, ଦଶାକର୍ମ, ଅସ୍ଥି ପୂଜା ଏବଂ ଶ୍ରାଦ୍ଧ ସହିତ ସମସ୍ତ ପୂଜା କରାଯାଏ। )
यात्रियों की ठहरने की सुविधा उपलब्ध है।
(ଯାତ୍ରୀମାନେ ରହିବା ପାଇଁ ସୁବିଧା ଉପଲବ୍ଧ ଅଛି। )
भोजनालय की सुविधा भी उपलब्ध है।.
(ଭୋଜନାଳୟର ସୁବିଧା ମଧ୍ୟ ଉପଲବ୍ଧ। )
घर से निकलेने से पहले महाराज एवं ऑफिस नम्बर पर सूचित अवश्य करें
( ଘର ଛାଡ଼ିବା ପୂର୍ବରୁ ମହାରାଜ ଏବଂ ଅଫିସ୍ ନମ୍ବରରେ ସୂଚିତ କରିବା ନିଶ୍ଚିତ କରନ୍ତୁ)
हमारे यहाँ ट्रैवल की सुविधा उपलब्ध है ( प्रयागराज, बनारस, विंध्याचल, अयोध्या चित्रकूट,)
( ଆମ ପଖରେ ଭ୍ରମଣ ସୁବିଧା ଉପଲବ୍ଧ ଅଛି (ପ୍ରୟାଗରାଜ, ବନାରସ, ବିନ୍ଧ୍ୟାଚଳ, ଅୟୋଧ୍ୟା, ଚିତ୍ରକୁଟ,)
प्रयागराज (जिसे पहले इलाहाबाद कहा जाता था) भारत के सबसे पवित्र और ऐतिहासिक शहरों में से एक है। यहाँ का त्रिवेणी संगम — जहाँ गंगा, यमुना और सरस्वती नदियाँ मिलती हैं — हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। गंगा घाट की सुबह और शाम की गंगा आरती का दृश्य मन को शांति और भक्ति से भर देता है। हर साल यहाँ माघ मेला और कुंभ मेला के दौरान लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान करने आते हैं। गंगा घाट के आसपास के प्राचीन मंदिर, ऐतिहासिक स्थल और शांत वातावरण प्रयागराज को एक अनोखा तीर्थ एवं पर्यटन स्थल बनाते हैं।
प्रयागराज का त्रिवेणी संगम वह पवित्र स्थल है जहाँ गंगा, यमुना और सरस्वती नदियाँ मिलती हैं। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी प्राकृतिक सुंदरता भी मन मोह लेती है। संगम तट पर सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य अत्यंत आकर्षक होता है — जब सूर्य की किरणें जल की लहरों पर सुनहरी आभा बिखेरती हैं। यहाँ की गंगा आरती, नौका विहार (boat ride), और मेले के समय दिखने वाली रंगीन साधु-संतों की झांकियाँ हर पर्यटक को एक दिव्य अनुभव देती हैं। संगम क्षेत्र के आसपास बने प्राचीन मंदिर, घाट, और धार्मिक आयोजन प्रयागराज को एक अद्भुत और आध्यात्मिक यात्रा गंतव्य बनाते हैं।